दिल्ली की राजनीति उस समय स्तब्ध रह गई जब एक जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला हुआ। यह घटना न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि लोकतंत्र की उस भावना पर भी हमला है जिसमें जनता और जनप्रतिनिधि के बीच संवाद की गुंजाइश होती है।
मुख्यमंत्री के सिर में चोट आई है और दिल्ली पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया है। आरोपी की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी राजेश भाई खिमजी भाई सकारिया के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह अपने परिवार के सदस्य की जेल से रिहाई के लिए आवेदन लेकर आया था।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी का एक रिश्तेदार जेल में है और वह न्याय की गुहार लेकर आया था। लेकिन जब न्याय की उम्मीद हिंसा में बदल जाती है, तो सवाल उठता है – क्या हमारा सिस्टम संवाद करने की क्षमता खो रहा है?
भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने स्पष्ट किया कि थप्पड़ मारने या पथराव की खबरें झूठी हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी ने मुख्यमंत्री का हाथ खींचने की कोशिश की, जिससे उनका सिर मेज से टकरा गया।
दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे “राजनीतिक साजिश” बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष मुख्यमंत्री के जनता से सीधे संवाद को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। कांग्रेस और आप नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
प्रत्यक्षदर्शी अंजलि ने दावा किया कि आरोपी ने मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारा। उन्होंने कहा, “जन सुनवाई का अधिकार सभी को है, लेकिन हिंसा कोई समाधान नहीं है।”
दिल्ली पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और गुजरात पुलिस से भी जानकारी मांगी गई है। डीसीपी मौके पर पहुँच गए हैं और जाँच जारी है।