समूह सखी क्या है? इसके लाभ और कितना लोन ले सकते हैं।Samuh Sakhi Kya Hai
समूह सखी क्या है?Samuh Sakhi Kya Hai
स्वयं सहायता समूह ( Samuh Sakhi Kya Hai ) की महिलाओं में हमेशा की तरह से भ्रम फैला रहता है कि हम सभी महिलाए स्वयं सहायता समूह के जरिए आने वाले समय में कभी ना कभी हमें नौकरी मिलेगी। खासकर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह के लिए भारत सरकार ने एक समूह सखी की नियुक्ति करने का आदेश जारी किया है। समूह सखी का कार्य गांव में चल रहे पांच से छह समूह की देखरेख करना होता है।Samuh Sakhi Kya Hai इसका समूह सखी का कार्य ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत आने वाले सभी प्रकार की योजनाएं एवं लाभ के बारे में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना या बताना होता है Samuh Sakhi Kya Hai इसके बारे में।
अपने आसपास के प्रत्येक गांव के ग्राम पंचायत में स्वयं सहायता समूह(Samuh Sakhi Kya Hai) होते हैं। एक गांव में 10 से लेकर 12 स्वयं सहायता समूह चल रहा है तो वहां पर दो समूह सखी की नियुक्ति भारत सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
समूह सखी कैसे बने? Samuh Sakhi Kaise Bane
समूह सखी बनने के लिए हम सबसे पहले आपको अपने नजदीकी के या पास के ब्लॉक स्तर पर जाकर अपने गांव में चल रहे सभी संस्था समूह के लिस्ट को निकलवाने होंगे इसके बाद आपको राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ऑफिस में जाकर यह पता लगाना होता है कि वहां पर पहले से तो कोई समूह सखी से नियुक्त नहीं है आपके गांव में यदि कोई समूह सखी पहले से नित्य नहीं है तो आपको वहां पर बैठे हुए अधिकारी से बात करनी होगी और अपना आवेदन के लिए एक फॉर्म ले लेना होगा ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के मिशन प्रबंधक से बात करें।BMM
समूह सखी बनने के लिए आपको निम्न बिंदुओं को सुनिश्चित कर लेना चाहिए।
समूह सखी में आवेदन देने से पहले आपके पास न्यूनतम आठवीं क्लास और अधिक से अधिक बारिश क्लास तक की शैक्षिक योग्यता जरूर होनी चाहिए।
आपके पास पैन कार्ड,आधार कार्ड और बचत बैंक का पासबुक होना चाहिए।
समूह सखी में आवेदन करने से पहले आपको अपने पास अपने गांव में चल रहे जन सहायता समूह की जानकारी होनी चाहिए।
आपकी उम्र कम से कम 18 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष होनी चाहिए।
समूह सखी को मिलने वाला मानदेय कितना है?
स्वयं सहायता समूह में नियुक्त समूह के सखियों को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत मानदेय या पेंशन दिया जाता है समूह सखी को समूह में कराए जाने वाले कार्यो के अनुसार उनको वेतन दिया जाता है यह वेतन 15000 से लेकर 6000 रुपए तक हो सकता है।
स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव को किसी भी प्रकार का कोई भी मानदेय या वेतन नहीं दिया जाता है। समूह सचिव को या वेतन उसके कार्यों के आधार पर दिया जाता है समूह सखी का कार्य गांव में चल रहे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह कैसे चलाए जाते हैं?स्वयं सहायता समूह में रजिस्टर को कैसे लिखे जाते हैं?स्वयं सहायता समूह में बचत पर कितना ब्याज बैंकों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है? स्वयं सहायता समूह में उद्योग लगाने वाले कर्ज कैसे लिए जाते हैं?स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा दिए गए बचत और वित्तीय लेनदेन की रिपोर्ट बैंक को देना और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ऑफिस में जाकर रिपोर्ट सबमिट करना होता है।
समूह के बारे में जानकारियां
स्वयं सहायता समूह को SHG के नाम से भी जाना जाता है। SHG का फुल Form=Self Help Group होता है।स्वयं सहायता समूह का गठन राष्ट्रीय आजीविका मिशन भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है और महिलाओं को अपने आप में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एवं महिलाओं में बचत की आदत को विकसित करने तथा रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए किया जाता है।
भारत सरकार ने भारत के ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं में धन की बचत एवं रोजगार के अवसर को प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह का गठन और इस योजना की शुरुआत की है।
स्वयं सहायता समूह का गठन ग्रामीण क्षेत्र की 10 से 12 महिलाएं आपस में मिलकर भी कर सकती हैं। स्वयं सहायता समूह में एक अध्यक्ष कोषा अध्यक्ष और सचिव यह तीनों प्रमुख महिलाएं होती हैं और अन्य सभी महिलाओं उसमें सदस्य के रूप में उनसे नीचे जोड़ी जाती हैं इसके बाद अपने ब्लॉक के स्तर पर जाकर अथवा ऑनलाइन कंप्यूटर या किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर जन सेवा केंद्र पर जाकर स्वयं सहायता समूह का रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है या महिलाएं अपने घर से भी लैपटॉप या कंप्यूटर के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
समूह सखी में कितने पैसे मिलते हैं?
उत्तर प्रदेश में अभी उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की स्वयं सहायता समूह के 58 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है और इसके लिए उन्हें उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में बन रहे शौचालयों की देखरेख की कमान सौंपी जाएगी और इसके बदले में सरकार की ओर से उन्हें 6 हजार रुपए का मानदेय या वेतन हर महीने के रूप में दिया जाएगा।
समूह सखी में महिलाओं को क्या लाभ है?
समूह सखी में महिलाओं को लाभ के रूप में स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए शुरू की गई है। की योजना के तहत जिले की शान सहायता समूह ने जुड़े करीब 150 से अधिक महिलाओं का चयन किया गया है इन महिलाओं को सी एस सी की तरफ से सिंगल फिंगर प्रिंट मशीन फ्री में उपलब्ध कराई जाएंगी शुरुआत में यह महिलाएं गांव में ही मशीन के जरिए पैसे का लेनदेन कर सकती हैं।
समूह सखी का मानदेय कितना होगा?
समूह सखी के तहत हर बैंक के सखी को 6 महीने तक 4 हजार का मानदेय दिया गया इसके साथ में लैपटॉप जैसी डिवाइस को खरीदने के लिए सरकार की तरफ से 50 हजार रुपए दिए गए।
स्वयं सहायता समूह का वेतन कितना होता है?
संस्था या किसी भी समूह में कार्य करने वाली सभी महिलाएं मैं प्रमुख महिलाएं अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष होती हैं इनको सरकार के तरफ से प्रत्यक्ष रूप में कोई मासिक वेतन भत्ता उपलब्ध नहीं कराया जाता है स्वयं सहायता समूह में लेखा-जोखा रजिस्टर का कार्य करने वाली प्रमुख महिलाओं को सरकार की तरफ से 9 हजार रुपए प्रतिमाह मासिक वेतन के रूप में देने की घोषणा की गई है।
समूह सखी में अध्यक्ष का क्या कामकाज होता है?
समूह सखी में अध्यक्ष का कार्य:-समूह सखी में अध्यक्ष का कार्य मुख्य रूप से सभी समिति की बैठक को और सम्मेलन में काल के लिए अध्यक्ष के रूप में अध्यक्षता करता है और निर्देशन द्वारा समिति के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नेतृत्व प्रदान करता है निगरानी और समिति की गतिविधियों का एक मुख्य रूप से अध्यक्ष ही मूल्यांकन करता है।
कोषाध्यक्ष का काम समूह सखी में क्या होता है?
कोषाध्यक्ष का कार्य समूह सखी में:-कोषाध्यक्ष का कार्य समूह सखी में समूह सखी का खजाने का रखवाली करना होता है। कोषाध्यक्ष का मुख्य काम वित्तीय लेनदेन और पैसों की देखरेख करना होता है। जब कभी भी संकट की स्थिति में वह उसी स्थिति में उसका सही इस्तेमाल कर सके कोषाध्यक्ष भी यही बात को सुनिश्चित करता है कि वित्तीय की कोई कमी ना हो उसका यह भी काम होता है कि वह अभी बता सके कि भविष्य में कितने पैसे को खर्च करने की आवश्यकता होगी।
स्वयं सहायता समूह में सुरक्षा सखी की नई नौकरी
अगर आप सभी महिलाएं समूह सखी में जुड़ कर उसकी सुरक्षा सचिव के पद पर नौकरी को हासिल करना चाहती है या पाना चाहती हैं तो तब आप सभी महिलाओं को अपने ब्लॉक में जाकर संपर्क करना होगा वहां पर आप लोगों को रक्षा सखी के नौकरी के पद पर रखा जाएगा और आप लोगों को मानदेय यानी कि वेतन इसी दिया जाएगा काम के आधार पर।
स्वयं सहायता समूह में सामुदायिक शौचालय की नौकरी
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में जुड़ी सहायता समूह की महिलाओं को सामुदायिक शौचालय की नई नौकरी दी जा रही है इस नौकरी में आप सभी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सामुदायिक शौचालय के माध्यम से सभी शौचालय की साफ सफाई का जिम्मा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपा जाएगा इसके लिए आप सभी महिलाओं को उस काम के एवज में वेतन भी दिया जाएगा आप लोग सामुदायिक शौचालय के माध्यम से शौचालय की साफ सफाई करेंगे और इसको नैकरी को पाने के लिए आपको ब्लॉक में जाकर संपर्क करना होगा।
FAQs
Q-समूह सखी का क्या काम होता है?
Ans-समूह सखी को समूह में कराए जाने वाले कामों के अनुसार उनको वेतन दिया जाता है कामों के अनुसार काम कराए जाने पर यह वेतन पंद्रह सौ से लेकर ₹6000 तक हो सकता है। संस्था समूह में अध्यक्ष कोषाध्यक्ष और सचिव को किसी भी प्रकार का कोई भी वेतन नहीं दिया जाता है जबकि समूह सखी को उसके कामों के लिए 1200 या 1500 रुपए प्रति माह या प्रति महीने वेतन के रूप में दिया जाता है।
Q-समूह सखी का मतलब क्या होता है?
Ans-समूह सखी का कार्य गांव में चल रहे हैं 5 या 6 समूह को देखरेख करना होता है। Samuh Sakhi Kya Hai इसका समूह सखी का कार्य ब्लॉक स्तर पर जाकर राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत आने वाले सभी प्रकार की योजनाओं और नावों के बारे में संस्था समूह की महिलाओं को बताना होता है।
Q-समूह के नियम क्या है?
Ans-समूह की नियमित बैठक कब कहां और किस समय पर होगा।
बचत की प्रति सदस्य राशि कितना होगा और क्या होगी यह तय करना होता है।
ऋण के उद्देश्यों की क्या प्राथमिकता होगी।
ऋण पर ब्याज की दर कितनी होगी क्या यह दर सभी उद्देश्य के लिए समान होगी या अलग-अलग होगी।
Q-समूह में कितना लोन मिलता है?
Ans-स्वयं सहायता समूह में कितना लोन मिलता है? बिना किसी सिक्योरिटी के स्वयं सहायता समूह को 20 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है।
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